मंदिर मैं मूरत की वो, पूजा किस काम की हैं ,
जब किसी अपने के घर, रोटी न शाम की हैं ,
भूखे लोगों का कोई धर्म नहीं होता हैं ,
उनका भी दिल होता हैं, उनका भी रोता हैं,
आओ एक काम करे ,
होओओओओओओ ,
आओ एक काम करे ,नई शुरुआत करे,
जैनो का मान बढ़ायें ,
जिनको जरुरत हो हमारी ,
उनके हम काम आये,
पैसो को छोर के अब हम ,
अपनों को गले लगाएं,
छोर अपने पराय,
होओओओओओओ ,
छोर अपने पराय, इंसानियत दिखाए,
जिनको जरुरत हो हमारी, उनके हम आये,
जिनको जरुरत हो हमारी, उनके हम आये |
पैसो के लिए आज हम, अपनों से लड़ रहे है,
फिर जा के मंदिरो मैं, दान धर्म कर रहे हैं,
ये सब दिखवा माना, दुनिया अब चल जायेगा,
मरके प्रभु से कैसे, नज़ारे मिला पायेगा,
आओ एक काम करे ,
होओओओओओओ ,
आओ एक काम करे ,नई शुरुआत करे,
जैनो का मान बढ़ायें ,
जिनको जरुरत हो हमारी ,उनके हम काम आये,
पैसो को छोर के अब हम ,अपनों को गले लगाएं,
जिनको जरुरत हो हमारी, उनके हम आये |
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